Types of constraints:-प्रत्येक table में डेटा को insert करने के लिए कुछ business rules होते है। ये business rules,
data constraints कहलाते है।DBMS में constraints निम्नलिखित प्रकार के होते है।
1:-NOT NULL
constraints:-इस constraints का प्रयोग तब किया जाता हैजब किसी column को खाली ना रखना हो। NOT NULL
constraints एक column की value को null होने से रोकता है। जब किसी column में इस constraints का प्रयोग किया जाता है तो उस कॉलम को null वैल्यू provide नही की जा सकती।
2:-Primary
key constraints:-यह constraints डेटाबेस टेबल में प्रत्येक row (record) को विशिष्ट रूपसे identify करता है। primary key कभी भी null वैल्यू contain नही कर सकती है। यह हमेशा एक यूनिक वैल्यू contain करती है।
3:- Foreign
key constraints:Foreign key constraints का प्रयोग दो tables में data के मध्य लिंक(link) provide करने के लिए करते है। इस constraints का प्रयोग referential integrity को लागूकरने के लिए किया जाता है।
4:- Check
constraints:-Check constraints का प्रयोग column में स्थापित की गयी value को limit करने मेंकिया जाता है। इस constraints का प्रयोग domain integrity को लागू करने के लिए किया जाता है।
5:- UNIQUE
constraints:-unique constraints, column की वैल्यू की uniqueness को दर्शाता है। Unique constraints यह ensure करता है कि column या field केवल unique values contain करती है इसका अर्थ यह है कि column की सभी values अलग अलग होंगी।
6:- DEFAULT Constraints:-इस constraints का प्रयोग column को default वैल्यू provide करने के लिए किया जाता है। जब किसी column को कोई भी value नही provide की जाती है तब Default Constraints का प्रयोग किया जाता है।
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