Intoduction of SQL
SQL का पूरा नाम Structured Query Language होता है। इसे "Language of databases" भी कहा जाता है। SQL का पहला version 1974 में आया था। ये तब हुआ था जब IBM company ने पहले relational database का demoबनाया था। SQL एक standard है लेकिन फिर भी अलग अलग vendors (Microsoft,
Oracle) इसे अपने environment के according modify करके use करते है। इसके 2 कारण है। पहला कारण ये है की SQL का standard बहुत जटिल है और इसे पूरी तरह implement करना बहुत मुश्किल है। औरइसका दूसरा कारण ये है की हर vendor को खुद के software को दूसरे software से अलग show करना होताहै।Features of SQL
1.SQL databases को create और manipulate
करने के लिए एक standard है।
2.SQL आपको data को manipulate करने की facility provide करती है।
3.SQL किसी के भी द्वारा बहुत आसानी से सीखी जा सकती है।
4.SQL बहुत सारे अलग अलग DBMS को support करती है
जैसे की Oracle, MySQL, MS Access और MS SQL server आदि। Basic keywords in SQL SQL एक बहुत ही आसान language है। SQL सीखने के लिए आपको कोई programming experience होने कीआवश्यकता नहीं है। SQL simple English language की तरह ही होती है। इसमें आप कुछ keywords यूज़ करते हुए statements लिखते है और database से interact
करते है। येकिसी human से interact
करने जैसा ही होता है बस आपको keywords का यूज़ पता होना चाहिए।निचे कुछ basic keywords दिए जा रहे है जो आप जल्दी ही यूज़ करेंगे।
1.SELECT
2.INSERT
3.UPDATE
4.DELETE
5.TRUNCATE
6.DROP
7.CREATE
8.JOIN
9.ALTER
10. ADD
Types of
SQL statements जैसा की मैने आपको पहले बताया की MySQL एक DBMS है और SQL एक language है जो data access करने के लिए यूज़ की जाती है। SQL में आप कुछ keywords को यूज़ करते हुए commands देते हैजिनसे DBMS से data fetch होकर आपको show होता है।इन commands को SQL statements भीकहा जाता है। SQL में 3 type के statements होते है। आइये इनके बारे में जानने का प्रयासकरते है।.
DDL (Data
Definition Language)-
DDL statements database के structure को define करने के लिए यूज़ किये जाते है। Define करने से मतलब है की जब भी आप ऐसा करे जिससे database के structure
में कुछ change आता है जैसे की एक नयी table create करना या existing table को modify करना आदि। DDL statements से आप निचे दिए गए tasks perform कर सकते है। DDL statements से आप नयी table create कर सकते है।
*Existing tables में नए rows या columns
add कर सकते है।
*Database create और delete कर सकते है।
*Users को privilege grant औरrevoke
कर सकते है।
*Tables की information analyze कर सकते है और comments भी add कर सकते है।
DML (Data Manipulation Language) -
DML statements
data को access करके manipulate करने के लिए यूज़ किये जाते है। DML statements के सभी operations primarily data पर perform होते है। DML statements से आप निचे दिए गए tasks perform करवा सकते है।
*DML statements से आप table में available data को access
कर सकते है।
*DML statements से आप table में data enter करवातेहै।
*Data को update भी किया जा सकता है।
*Data को delete भीकर सकते है।
DML statements से आप 2 tables को merge
भी कर सकते है।
TCL (Transmission Control Language) -
DML statements से data में जो change आता है उसे TCL statements के द्वारा manage किया जाता है। जैसेकी किसी change को permanent करना या उसे undo करना। TCL statements निचे दिए गए tasks perform करते है।
*किसी change को permanent
(commit) करना।
*किसी change को undo (rollback) करना।
*Save points create करना।
*Transactions setकरना।
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